June 01, 2024 2 min read

नीम करोली बाबा के कैंची धाम में 15 जून को भव्य मेले की तैयारियां

हर साल 15 जून को, उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित नीम करोली बाबा के कैंची धाम आश्रम में एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष यह और भी खास होने वाला है क्योंकि यह मेला आश्रम के स्थापना दिवस के साथ-साथ बाबा की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा दिवस के रूप में भी मनाया जाएगा। आइए जानते हैं इस वर्ष मेले की तैयारियों और आयोजन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां।

अनुमानित श्रद्धालुओं की संख्या

स्थानीय समाचार एजेंसियों के अनुसार, इस वर्ष मेले में रिकॉर्ड तोड़ संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। अनुमान लगाया जा रहा है कि पिछले वर्षों की तुलना में लगभग दोगुना, यानी लगभग 5-7 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं। इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ विदेशों से आने वाले भक्त भी शामिल हैं।

आश्रम द्वारा की गई तैयारियां

  • आवास: मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए निवास की व्यवस्था आश्रम परिसर में ही की जाती है। हालांकि, भारी संख्या के मद्देन հղर आश्रम प्रशासन आसपास के क्षेत्रों में भी अस्थायी आवास की व्यवस्था कर रहा है।
  • भोजन: मेले के दौरान नि:शुल्क भंडारे का आयोजन किया जाता है। श्रद्धालुओं को भोजन और पानी की कोई कमी नहीं होगी। आश्रम प्रशासन स्वच्छता का विशेष ध्यान रखते हुए भोजन व्यवस्था का प्रबंध कर रहा है।
  • स्वच्छता: मेले में स्वच्छता बनाए रखने के लिए आश्रम प्रशासन द्वारा विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। जगह-जगह कूड़ेदान रखे जाएंगे और सफाई कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। श्रद्धालुओं से भी स्वच्छता बनाए रखने में सहयोग करने की अपील की गई है।
  • चिकित्सा सुविधा: मेले के दौरान किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए आश्रम में चिकित्सा शिविर लगाए जाएंगे। डॉक्टरों और आवश्यक दवाइयों की भी व्यवस्था की जाएगी।

यातायात नियम और विनियम

  • पार्किंग: मेले में आने वाले वाहनों के लिए अलग से पार्किंग स्थल बनाए जाएंगे। श्रद्धालुओं को निर्देशों का पालन करते हुए वाहनों को निर्धारित पार्किंग स्थल में ही खड़ा करना होगा।
  • यातायात नियंत्रण: मेले के दौरान भवाली-अल्मोड़ा हाईवे पर यातायात का दबाव बढ़ जाता है। जिला प्रशासन द्वारा यातायात नियंत्रण के लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे। एकतरफा यातायात या वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की जा सकती है।
  • पैदल यात्रा को बढ़ावा: श्रद्धालुओं को यथासंभव पैदल यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे न केवल यातायात व्यवस्था सुधरेगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी सहयोग मिलेगा।

मंदिर परिसर में सलाह

  • दर्शन के लिए कतार: मेले के दौरान मंदिर में दर्शन के लिए लंबी कतार लगने की संभावना है। श्रद्धालुओं से धैर्य बनाए रखने और कतार में अनुशासन बनाए रखने का अनुरोध किया जाता है।
  • प्रसाद: मंदिर परिसर में ही प्रसाद की व्यवस्था रहेगी। श्रद्धालुओं से घर से पूजा का सामान लाने से बचने का अनुरोध किया जाता है।
  • महत्वपूर्ण सामान: श्रद्धालु अपनी यात्रा के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी, टोपी, धूप का चश्मा और जूते साथ लाएं।